Saturday 27 August 2016

उबाल

उबाल दूध का,
उबाल सागर का,
उबाल मनुष्य के क्रोध का!
तूफान सा है भयंकर,
उठा दे पहाड़ को,
हिला दे पृथ्वी को,
सही दिशा मिले तो,
उबाल संबंध का,
समर्पित जीवन कर देता है!
मिटा देता है स्वयं को,
उबाल प्रेम का,
निस्वार्थ भाव से कराता है सेवा|
उबाल है शक्ति असीम,
उबाल है साहसी भीम,
उबाल कराए तकरार,
उबाल बढ़ाए रार,
उबाल है घमासान,
उबाल जो छीन ले जान,
खो दे जो बुद्धि विवेक,
शत्रु बना देता है अनेक,
उबाल रोकना है कठिन,
बदल सकता है हमारे दिन,
उबाल लांघ दे सागर को,
उबाल फाड़ दे धरा को,
उबाल डाल दे पत्थर में जान,
उबाल मौत से छीन ले संतान,
उबाल उत्साह का दूसरा नाम,
सामान्य बना देता है महान!

निर्दोष त्यागी

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